Silai machine ka avishkar kisne kiya tha | सिलाई मशीन का आविष्कार किसने किया
Silai machine ka avishkar kisne kiya tha?
सिलाई मशीन का अविष्कार 1846 में एलियास होवे के द्वारा किया गया था।
सिलाई मशीन का आविष्कार कपड़ों की सिलाई के लिए एक बहुत ही ऐतिहासिक पल था। आज जो सिलाई मशीने हम इस्तिमाल करते हैं, सिलाई मशीन को इस रूप में आने के काफी समय लगा है, इसमें कई आविष्कारकों की मेहनत लगी है।
सिलाई प्रक्रिया को स्वचालित करने का विचार अचानक प्रकट नहीं हुआ बल्कि एक लम्बी विकास की प्रिक्रिया थी। सिलाई मशीन कपड़े और कपड़े बनाने के तरीके में क्रांति ला दी, जिससे उद्योगों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा और दुनिया भर के लोगों के जीवन में बदलाव लाया है।
सिलाई मशीन के आविष्कार की यात्रा एक दिलचस्प कहानी है जिसमें कई दशकों तक कई आविष्कारकों का योगदान शामिल है।
20,000 साल पुराना सिलाई की कला
हाथ से सिलाई की कला के बिना सिलाई मशीन का इतिहास अस्तित्व में नहीं होता। लगभग 20,000 साल पहले हाथ से सिलाई शुरू की थी, जहाँ पहली सुई हड्डियों या जानवरों के सींगों से बनाई जाती थी और धागा जानवरों की नसों से बनाया जाता था।
इस दौर में सभी सिलाई के काम हाथ से किये जाते थे जिसमे काफी समय लगता था। 18वीं शताब्दी में औद्योगिक क्रांति का उदाहरण लें, जब कारखानों में हाथ से सिलाई कम करने की आवश्यकता मुख्या होती थी।
Silai machine ka avishkar kisne kiya tha | सिलाई मशीन का आविष्कार किसने किया
सिलाई के शुरुआती दिन (सिलाई मशीन का इतिहास)
सिलाई मशीन के अविष्कार से पहले, कपड़े बनाने की प्रक्रिया काफी समय लेने वाली प्रक्रिया थी। सिलाई, पीढ़ियों से चला आ रहा एक कौशल है, जिसके लिए अत्यधिक धैर्य और सटीकता की आवश्यकता होती है।
18वीं सदी के अंत और 19वीं सदी की शुरुआत में औद्योगिक क्रांति के दौरान जैसे-जैसे कपड़ों की मांग बढ़ी, कपड़े सिलने की अधिक कुशल विधि की आवश्यकता पैदा हुई।
1755: पहला पेटेंट
चार्ल्स वीसेन्थल, एक जर्मन व्यक्ति, को “एक मशीन के लिए डिज़ाइन की गई सुई” के लिए ब्रिटिश पेटेंट जारी किया गया था। दुर्भाग्य से, वीसेन्थल के पेटेंट में किसी भी यांत्रिक मशीन का कोई जानकारी नहीं थी, लेकिन इससे ये पता चला कि इस तरह के आविष्कार की आवश्यकता है।
1790: पहला विस्तृत डिज़ाइन
सिलाई मशीन का इतिहास और इसका आविष्कार किसने किया, यह मूल रूप से यहीं से शुरू होता है। इंग्लैंड के थॉमस सेंट ने अपनी तरह की पहली सिलाई मशीन डिज़ाइन की थी। पेटेंट में चमड़े और कैनवास के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक हैंड क्रैंक से चलने वाली मशीन के बारे में बताया गया था।
कोई नहीं जानता कि सेंट ने प्रोटोटाइप बनाया था या नहीं, लेकिन 1874 में विलियम न्यूटन विल्सन को पेटेंट चित्र मिले। वे इतने विस्तृत थे कि उन्होंने प्रोटोटाइप बनाई, जिससे साबित हुआ कि यह काम करती है। दुर्भाग्य से, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि सेंट का आविष्कार कभी उपयोग में लाया गया था की नहीं।
19वीं सदी की शुरुआत: कई प्रयास और कई असफलताएँ
यह ध्यान देने योग्य है कि पहली सफल सिलाई मशीन से पहले सभी शुरुआती डिज़ाइनों में सुई को एक तरफ़ से दूसरी तरफ़ घुमाया जाता था और उन्हें घुमावदार हैंडल से संचालित किया जाता था।
1810: बालथासर क्रेम्स ने टोपी सिलने के लिए एक स्वचालित मशीन का आविष्कार किया। उन्होंने अपने डिज़ाइन का पेटेंट नहीं कराया, लेकिन फिर भी यह काम नहीं आया।
1814: एक ऑस्ट्रियाई दर्जी, जोसेफ़ मैडर्सपर्गर को 1814 में एक पेटेंट जारी किया गया। वह लगातार कई अलग-अलग डिज़ाइन बनाने की कोशिश करता रहा, लेकिन सभी असफल रहे।
1818: जॉन एडम्स डोगे और जॉन नोल्स ने अमेरिका की पहली सिलाई मशीन का आविष्कार किया, लेकिन यह टूटने से पहले केवल कुछ कपड़े ही सिल सकी थी।
1830: पहली सफल सिलाई मशीन
19वीं सदी की शुरुआत में, फ्रांसीसी दर्जी बार्थेलेमी थिमोनियर ने एक सिलाई मशीन का आविष्कार किया था जिसमें हुक वाली सुई और एक धागे का प्रयोग किया जाता था, जिससे चेन सिलाई बनती थी।
1830 में, बार्थेलेमी थिमोनियर एक ऐसी मशीन का पेटेंट कराया, जो हाथ से की जाने वाली सिलाई के समान एक चेन सिलाई बनाने के लिए हुक वाली सुई का उपयोग करती थी।
थिमोनियर की मशीन सेना की वर्दी सिलने के लिए डिज़ाइन की गई थी, और उन्होंने बड़े पैमाने पर इन मशीनों का उत्पादन करने के लिए एक कारखाना भी चालू किया था।
हालाँकि, उनको स्थानीय दर्जियों के विरोध का सामना करना पड़ा, जिन्हें स्वचालन के कारण बेरोजगारी की आशंका थी। थिमोनियर की फैक्ट्री अंततः दर्जियों की भीड़ द्वारा नष्ट कर दी गई, और उसे कभी भी अपने आविष्कार की क्षमता का पूरी तरह से एहसास नहीं हुआ।
1834: वाल्टर हंट का अज्ञात योगदान
1834 में, अमेरिकी आविष्कारक वाल्टर हंट ने लॉकस्टिच के साथ एक सिलाई मशीन डिजाइन की, जो चेन सिलाई की तुलना में एक महत्वपूर्ण सुधार था। हंट ने सोचा कि ऐसी मशीन से कई लोगों बेरोज़गार हो जायेंगे, इसलिए उन्होंने डिजाइन का पेटेंट नहीं कराया।
इसके बजाय, उन्होंने आपने अविष्कार को जॉर्ज एरोस्मिथ नामक एक व्यवसायी को मात्र 100 डॉलर में बेच दिए। एरोस्मिथ ने भी पेटेंट का पालन नहीं किया और सिलाई मशीन में हंट के योगदान को काफी हद तक मान्यता नहीं मिली।
1844: खोया हुआ पेटेंट
अब तक हमने जितनी भी सिलाई मशीनें देखी हैं, वे सभी अलग-अलग कॉम्पोनेन्ट से बनी हैं, जिनमें कुछ भी एक साथ काम नहीं करता।
1844 में, अंग्रेज आविष्कारक जॉन फिशर ने एक सिलाई मशीन डिजाइन की, जो चलती भागों के बीच इस असमानता को खत्म कर देगी। हालाँकि, पेटेंट कार्यालय में एक गलत फाइलिंग की वजह से पेटेंट खो गया, इसलिए उन्हें कभी कोई मान्यता नहीं मिली।
184५: इलियास होवे का ऐतिहासिक योगदान
एलियास होवे, एक अमेरिकी आविष्कारक को सफल सिलाई मशीन के आविष्कार का श्रेय दिया जाता है।
होवे का जन्म ९ जुलाई १८१९ में हुआ था। उन्होंने आपने करियर की शुरुवात १८३५ में टेक्सटाइल कंपनी से की थी , वे ट्रिनी के रूप में ज्वाइन किये थे।
1846 में, होवे ने एक मशीन का पेटेंट कराया था, जिसमें धागे के दो स्रोतों का उपयोग किया गया, जिससे हंट के डिजाइन के समान एक लॉकस्टिच तैयार हुआ।
होवे के आविष्कार में एक नुकीली सुई और एक शटल शामिल था जो एक तरफ से दूसरी तरफ जा सकता था। इस अभूतपूर्व डिज़ाइन ने आधुनिक सिलाई मशीनों की नींव रखी।
होवे के आविष्कार की सरलता के बावजूद, उन्हें संभावित निवेशकों और निर्माताओं के संदेह सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
सिलाई मशीन के इतिहास के एक अन्य प्रमुख व्यक्ति, आइजैक सिंगर के खिलाफ एक प्रसिद्ध कानूनी लड़ाई में अपने पेटेंट का सफलतापूर्वक बचाव करने के बाद ही इस तकनीक को व्यापक स्वीकृति मिली।
1851: इसहाक सिंगर (Isaac Singer) और सिलाई मशीन में क्रांति
अमेरिकी अभिनेता और आविष्कारक आइजैक मेरिट सिंगर ने सिलाई मशीन को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
1851 में, सिंगर ने मशीन की गति को नियंत्रित करने के लिए एक फुट पैडल की शुरुआत करके होवे के डिज़ाइन में सुधार किया, जिससे अधिक सुविधाजनक संचालन संभव हो सका।
सिंगर की मशीन में एक सुई और एक प्रेसर फुट भी शामिल था, जो चिकनी और अधिक सटीक सिलाई करती थी।
सिंगर की व्यावसायिक कुशलता ने दुनिया भर के घरों में सिलाई मशीन घर घर तक पहुंचाया। मशीनों को सीधे बेचने के बजाय, उन्होंने किस्त भुगतान चालू की और किराये की प्रणाली बनाई।
इससे सिलाई मशीनें उपभोक्ताओं की व्यापक रूप से उपलब्ध होने लगी।
सिंगर सिलाई मशीनों की विरासत
आइज़ैक सिंगर द्वारा स्थापित सिंगर सिलाई मशीन कंपनी, विश्व स्तर पर सबसे सफल और स्थायी सिलाई मशीन निर्माताओं में से एक बन गई।
कंपनी की मशीनें अपनी विश्वसनीयता, स्थायित्व और नवीन विशेषताओं के लिए जानी जाती थीं। 1889 में पहली व्यावहारिक इलेक्ट्रिक सिलाई मशीन की शुरूआत सहित सिंगर की मार्केटिंग रणनीतियों ने बाजार में अपना प्रभुत्व मजबूत कर लिया।
20वीं सदी में सिलाई मशीन का विकाश
20वीं सदी में सिलाई मशीन प्रौद्योगिकी में और प्रगति देखी गई। इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक सिलाई मशीनें मानक बन गईं, जो अधिक गति और दक्षता प्रदान करती हैं।
कम्प्यूटरीकृत मशीनें आयीं, जो प्रोग्रामयोग्य सिलाई पैटर्न और स्वचालित कार्यों को किया जा सकता हैं।
ओवरलॉक मशीनों, कढ़ाई मशीनों और सर्जर्स ने कपड़ा उद्योग और घरेलू उपयोगकर्ताओं की विविध आवश्यकताओं को पूरा करते हुए सिलाई की क्षमताओं का विस्तार किया।
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१९३५: भारत में सिलाई मशीन ही शुरुवात
उन्नीसवीं सदी में भारत में सिलाई मशीन की शुरुवात अमरीकी कंपनी सिंटर और इंग्लैंड की कंपनी ‘पफ’ में की थी। स्वत्रंता के बाद भारत में सिलाई मशीन बनने लगी जिसमे उषा कंपनी सबसे आगे थी। १
९३५ में कलकत्ता के एक कारखाने में उषा कंपनी ही पहली सिलाई मशीन बनी, इसके सारे पुर्जे भारत में ही बनाये गए थे। आज उषा सिलाई कंपनी भारत के सबसे बड़े सिलाई मशीन में से एक है।
निष्कर्ष:
सिलाई मशीन का आविष्कार और विकास औद्योगीकरण का इतिहास काफी लम्बा है।
थॉमस सेंट और बार्थेलेमी थिमोनियर जैसे आविष्कारकों के शुरुआती प्रयासों से लेकर एलियास होवे और इसाक सिंगर के ऐतिहासिक योगदान तक, सिलाई मशीन की यात्रा और कड़ी मेहनत को दर्शाती है।
आज, सिलाई मशीनें दुनिया भर में घरों, फैशन हाउसों और कपड़ा उद्योगों में एक विशेष उपकरण हैं, जो अच्छे कपडे कम समय में सिलती हैं।
FAQs:
भारत में सिलाई मशीन का आविष्कार कब हुआ?
सिलाई मशीन का अविष्कार अमरीका में हिअ था। एलियास होव ने 1846 में सिलाई मशीन का अविष्कार किया था।
भारत में सिलाई मशीन की शुरुआत कब हुई थी?
1935 में, बिशनदास बंसिल नामक एक उद्यमी ने पहली भारतीय सिलाई मशीन बनाई, और अपनी कंपनी का नाम अपनी बेटी के नाम पर “उषा” रखा।
सिलाई का जनक कौन है?
एक निर्धन दर्जी सेंट एंटनी निवासी बार्थलेमी थिमानियर को सिलाई का जनक मन जाता है, इन्होने इसका पेटेंट १८३० में लिया था।
सिलाई कब शुरू हुई?
सिलाई ४००० वर्ष पूर्व हुई थी इसमें प्राकृतिक रेशों से कपड़े का इस्तिमाल किया जाता था।
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