Raksha Bandhan 2025, जिसे राखी भी कहते हैं, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो मुख्या रूप से भारत और नेपाल में मनाया जाता है। इस साल यहाँ त्योहार 19 अगस्त 2025 को मनाया जायेगा।
यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को मनाता है। इस दिन, बहन अपने भाई की कलाई पर एक रक्षा सूत्र बांधती है, जिसे “राखी” कहते हैं। इसके बदले में, भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं और अपनी बहन की रक्षा और समर्थन का वादा करते हैं।
Raksha Bandhan 2025 muhurat: Raksha Bandhan 2025 का शुभ मुहूर्त कब है?
पंचांग के अनुसार, राखी बांधने का शुभ मुहूर्त इस वर्ष पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे होगी और समाप्त 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे होगी।
रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?
रक्षा बंधन भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है। यह त्योहार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र, सुख और सफलता की कामना करती हैं, और बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है।
यह सिर्फ एक धागा नहीं है, बल्कि प्यार, विश्वास और सुरक्षा का बंधन है। रक्षा बंधन मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएं और ऐतिहासिक महत्व जुड़े हुए हैं।
रिवाज और परंपराएं:
- राखी बांधना मुख्य रिवाज में बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। यह धागा उसकी प्रार्थनाओं और भाई की सुरक्षा का प्रतीक होता है।
- उपहार और मिठाइयाँ: भाई अपनी बहन को उपहार देते हैं, जो पैसे से लेकर कपडे या कोई बहन की पसंद का गिफ्ट होता है। खास मिठाइयाँ और त्योहारी भोजन भी इस अवसर पर घर में बनाया जाता हैं।
- पूजा: एक छोटी सी पूजा या पूजा अर्चना की जाती है, जिसमें बहन अपने भाई की समृद्धि और खुशी के लिए प्रार्थना करती है।
- सांस्कृतिक विविधताएँ: हालांकि भाई-बहन के रिश्ते की बुनियाद एक जैसी रहती है, रक्षाबंधन की मनाने की परंपरा विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न होती है। कुछ हिस्सों में, यह त्योहार दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच भी मनाया जाता है।
- आधुनिक उत्सव: आजकल, रक्षाबंधन का जश्न कजिन, दोस्तों और यहां तक कि गैर-परंपरागत संदर्भों में भी मनाया जाता है। यह परिवारिक एकता और स्नेह का समय होता है, जो आमतौर पर भाई-बहन के रिश्तों से आगे बढ़ जाता है।
रक्षा बंधन पर क्या-क्या करना चाहिए?
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा की थाली तैयार करें, जिसमें राखी, रोली, अक्षत (चावल), दीपक और मिठाई रखें।
- भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठाएं।
- बहन पहले भाई के माथे पर तिलक लगाए, फिर आरती करे और राखी बांधे।
- राखी बांधते समय यह मंत्र बोल सकती हैं: “येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामभिबध्नामि, रक्षे मा चल मा चल।
- भाई को मिठाई खिलाएं।
- भाई अपनी बहन को उपहार या पैसे देकर उसकी रक्षा का वचन दे।
राखी किस हाथ में बांधनी चाहिए?
राखी हमेशा भाई के दाहिने हाथ की कलाई पर बांधनी चाहिए। दाहिना हाथ दक्षता, कर्म और शक्ति का प्रतीक माना जाता है, इसलिए सभी शुभ कार्य इसी हाथ से किए जाते हैं।
Raksha Bandhan 2025 से जुडी कहानियां? Raksha bandhan history?
रक्षाबंधन के त्योहार की कई पौराणिक कथाएँ और ऐतिहासिक कहानियाँ हैं, जो इस पर्व के महत्व और इसकी सांस्कृतिक जड़ों को दर्शाती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख कहानियाँ हैं:
1. द्रौपदी और कृष्ण की कहानी:
महाभारत की एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, द्रौपदी, जो पांडवों की पत्नी थीं, ने एक बार भगवान कृष्ण को राखी बांधी थी। एक बार जब द्रौपदी की चीर-हरण की घटना हुई थी, तब भगवान कृष्ण ने उनकी सहायता की और उनकी इज्जत की रक्षा की। इस घटना के बाद, द्रौपदी ने कृष्ण को राखी बांधी और कृष्ण ने उन्हें यह वादा किया कि वह उनकी रक्षा हमेशा करेंगे। यह कहानी भाई-बहन के रिश्ते और उनकी रक्षा के महत्व को दर्शाती है।
2. राजा बलि और लक्ष्मी की कहानी:
एक और पौराणिक कथा के अनुसार, रक्षाबंधन का त्योहार राजा बलि के साथ जुड़ा हुआ है, जो असुरों का राजा था और जिनकी भक्ति और सौम्यता के कारण भगवान विष्णु ने उन्हें अमरता का वरदान दिया था।
जब भगवान विष्णु ने बलि को पाताललोक भेजने का निर्णय लिया, तो रानी लक्ष्मी ने बलि को राखी बांधकर उनसे प्रार्थना की कि वह उनके भाई की तरह उसका ध्यान रखें। बलि ने लक्ष्मी की प्रार्थना स्वीकार की और वचन दिया कि वह अपनी बहन की रक्षा करेगा। यह कथा रक्षाबंधन के पर्व को भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती से जोड़ती है।
3. अहिल्या और सागर मंथन:
कहानी के अनुसार, जब देवताओं और दैत्यों ने समुद्र मंथन किया, तो अमृत प्राप्त हुआ। देवताओं ने इस अमृत को प्राप्त करने के लिए भगवान विष्णु की मदद ली। इस समय, अहिल्या, जो एक पतिव्रता महिला थीं, ने भगवान विष्णु की पूजा की और अपनी राखी बांधी।
भगवान विष्णु ने अहिल्या की रक्षा का वादा किया और उन्हें अमृत का हिस्सा देने की व्यवस्था की। यह कथा इस बात को दर्शाती है कि राखी बांधने की परंपरा का ऐतिहासिक महत्व है और इसका संबंध भगवान विष्णु की पूजा से भी है।
ये कथाएं हमें बताती हैं कि रक्षा बंधन केवल सगे भाई-बहन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा बंधन है जो किसी भी व्यक्ति के प्रति प्रेम, सम्मान और रक्षा के वादे को दर्शाता है। यह त्योहार रिश्तों को मजबूत बनाने और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने का संदेश देता है।
यह त्योहार भाई-बहन के रिश्ते की मिठास और कर्तव्य को याद दिलाने वाला है और इसे खुशी, रंग और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है।
Is raksha bandhan a national holiday? क्या रक्षाबंधन एक राष्ट्रीय अवकाश है?
नहीं, रक्षा बंधन पूरे भारत में एक राष्ट्रीय अवकाश (National Holiday) नहीं है। भारत में केवल तीन राष्ट्रीय अवकाश हैं:
- गणतंत्र दिवस (26 जनवरी)
- स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त)
- गांधी जयंती (2 अक्टूबर)
रक्षा बंधन एक धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है। हालांकि, यह कई राज्यों में सार्वजनिक अवकाश (Public Holiday) के रूप में मनाया जाता है। इसका मतलब है कि कुछ राज्यों में इस दिन सरकारी कार्यालयों, स्कूलों और बैंकों में छुट्टी होती है, जबकि अन्य राज्यों में यह एक सामान्य कार्य दिवस होता है।
उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और बिहार जैसे कुछ राज्यों में रक्षा बंधन पर छुट्टी होती है, जबकि अन्य राज्यों में ऐसा नहीं है। इसलिए, यह छुट्टी राज्य सरकार के निर्णय पर निर्भर करती है।
रक्षा बंधन पर क्या नहीं करना चाहिए?
- भद्रा काल में राखी न बांधें।
- भाई के माथे पर टूटे हुए चावलों से तिलक न करें।
- काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
- उपहार में चमड़े या नुकीली चीजें देने से बचें, क्योंकि ये अशुभ मानी जाती हैं।
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